यज्ञ में प्रसाद स्वरूप सोमरस का सेवन लाजि़मी है । अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंद्र महाराज आंनद यज्ञ में प्रसाद स्वरूप सोमरस का सेवन लाजि़मी है । अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंद्र महार...
सभी का अपना ही अलग अन्दाज़ होता है सभी का अपना ही अलग अन्दाज़ होता है
प्रीत लिखूँ संगीत लिखूँ प्रीत लिखूँ संगीत लिखूँ
दिखे हैवानियत चारों तरफ दुनिया में जब मुझको नया भारत का ऐसे में लिखूं इतिहास मैं कैसे दिखे हैवानियत चारों तरफ दुनिया में जब मुझको नया भारत का ऐसे में लिखूं इतिहास...
प्रसाद के मनु की तरह एक महामानव हैं जिसने सृजित किया कामायनी को !! प्रसाद के मनु की तरह एक महामानव हैं जिसने सृजित किया कामायनी को !!
पर ये जो ज़िंदादिली है, तुम से ही है। पर ये जो ज़िंदादिली है, तुम से ही है।